अनुश्रुत साक्ष्य

 अनुश्रुत साक्ष्य-


अनुश्रुत साक्ष्य से तात्पर्य यह है कि किसी दूसरे व्यक्ति से प्राप्त सूचना के अनुसार, एक व्यक्ति जो कुछ कहता है, अर्थात साक्षी उसे कहता है जिसकी उसने तथ्य के बारे में किसी अन्य व्यक्ति के माध्यम से जानकारी प्राप्त की है। यह ऐसा बयान होता है जो किसी साक्षी द्वारा उस चीज के बारे में किया जाता है जो किसी व्यक्ति द्वारा न्यायालय के बाहर कहीं गई या घोषित की गई रहती है।

टेलर (Taylor) ने अनुश्रुत साक्ष्य की परिभाषा इस प्रकार की है - वह समस्त साक्ष्य जिसका साक्ष्य केवल गवाह को दिया जाता है कि वह स्वयं इसका मूल्यांकन नहीं करता किन्तु वह किसी अन्य की योग्यता और मूल्य पर आधारित है।

ऐसा साक्षी जिसने खुद तथ्य घटित होते न देखा हो या जाने हो, और केवल दूसरों के मुंह से उनके बारे में सुना हो, उसे प्रत्यक्ष साक्षी नहीं कहते और उसका कथन अनुश्रुत साक्ष्य होगा।

      अनुश्रुत साक्ष्य को असंगत माना गया है और  इसलिए वह अग्राहय है इसे निम्न कारण से अस्वीकृत किया जाता है-

(1) इसमें शपथ नहीं होता।

(2) प्रति परीक्षा संभव नहीं है।

(3)  गवाह द्वारा झूठ बोलने की संभावना

(4) जालसाजी को बढ़ावा

    बबूली बनाम स्टेट ऑफ उड़ीसा 1974 के वाद में उच्चतम न्यायालय ने निर्धारित किया कि साक्षियों को वही साक्ष्य देना चाहिए जिसको उन्होंने स्वयं सुना या देखा है, जो कुछ उन्होंने सुना या देखा है, उसे यह अनुमान लगाने का उत्तरदायित्व उन पर नहीं अपितु न्यायालय पर है। 

अनुश्रुत साक्ष्य अग्राह्य है, इस नियम के निम्नलिखित अपवाद हैं-

(1) स्वीकृति और संस्वीकृति। (धारा 17 से 24) 

(2) धारा 32 और 33 के अन्तर्गत कथन।

(3) लोक दस्तावेजों में कथन। (धारा 34 से 35)

(4) रेस जेस्टे (धारा 6)

(5) विशेषज्ञों की पुस्तकों के कथन। (धारा 60 का परन्तुक) 

प्रश्न- अभियुक्त के पिता ने विचारण में अभियोजन की इस बात का समर्थन नहीं किया कि उसने साक्षी से यह कहा था कि उसके पुत्र (अभियुक्त) ने हत्या की है। साक्षी के कथन का स्वभाव होगा -

(a) द्वितीयक साक्ष्य का

(b) अनुश्रुत साक्ष्य का 

(C) सम्बन्धित तथ्य और कार्य का

(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं

उत्तर (b)

 प्रश्न-साक्ष्य अधिनियम के कौन से प्रावधान अनुश्रुत साक्ष्य के नियम के अपवाद का प्रावधान करते हैं? -

(a) धारायें 17 से 24

(b) धारायें 32 से 33

(c) धारायें 34 से 35

(d) उपर्युक्त सभी धारायें

उत्तर-(d)






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