प्रश्न जिसका अवधारण डिक्री का निष्पादन करने वाला न्यायालय करेगा (धारा 47 सीपीसी)
प्रश्न जिसका अवधारण डिक्री का निष्पादन करने वाला न्यायालय करेगा (धारा 47 सीपीसी)-
वे सभी प्रश्न जो उसे वाद के पक्षकारों या उनके प्रतिनिधियों के बीच पैदा होते हैं, जिनमें डिक्री पारित की गई थी और जो डिक्री के उन्मोचन, निष्पादन या तुष्टि से संबंधित है डिक्री का निष्पादन करने वाले न्यायालय द्वारा न की पृथकवाद द्वारा अवधारित किए जाएंगे।
स्पष्टीकरण- 1 वह वादी जिसका वाद खारिज हो चुका है और वह प्रतिवादी जिसके विरुद्ध वाद खारिज हो चुका है इस धारा के प्रयोजन के लिए वाद के पक्षकार है।
स्पष्टीकरण- 2 (क) डिक्री के निष्पादन के लिए विक्रय में संपत्ति का क्रेता इस धारा के प्रयोजन के लिए उस वाद का पक्षकार समझ जाएगा जिसमें वह डिक्री पारित की गई, और
(ख) ऐसी संपत्ति के क्रेता को या उसके प्रतिनिधि को कब्जा देने से संबंधित सभी प्रश्न इस धारा के अर्थ में डिक्री के निष्पादन, उन्मोचन, तुष्टि से संबंधित प्रश्न समझ जाएंगे।
पदमाबेन वनुशाली बनाम योगेंद्र राठौर 2006 के वाद में निर्धारित किया गया कि न्यायालय को सामान्य शक्ति उन प्रश्नों के विनिश्चयों के लिए जिसका संबंध धारा 47 के अंतर्गत निष्पादन, उन्मोचन तुष्टि से है का प्रयोग आदेश 21 नियम 2 जिसमें उपनियम 3 सम्मिलित है के प्रतिबंधों के अधीन ही किया जा सकता है।
एस. भास्करन बनाम सेबेस्टियन 2019 के वाद में निर्धारित किया गया कि निष्पादन कार्यवाही में कोई निष्पादन न्यायालय आदेश या आज्ञप्ति के बाहर जाकर उसका निष्पादन नहीं कर सकता।
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