कृषि उपज को भागत छूट (धारा 61सीपीसी)
विधिक प्रतिनिधि (Legal representative)सीपीसी कृषि उपज को भागत: छूट-
सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा-61 में कृषि उपज को भागतः छूट के संबंध में प्रावधान किया गया है।
धारा 61 के अनुसार, राज्य सरकार राजपत्र में प्रकाशित साधारण या विशेष आदेश द्वारा यह घोषणा कर सकेगी कि कृषि उपज या कृषि के किसी वर्ग के ऐसे प्रभाग को जिसकी बाबत राज्य सरकार को यह प्रतीत होता है कि वह उस आगामी फसल तक उस भूमि पर सम्यक खेती करने के लिए तथा निर्णीत-ऋणी और उसके कुटुम्ब के निर्वाह के लिए उपबंध करने के प्रयोजन के लिए आवश्यक है, सभी कृषकों या कृषकों के किसी वर्ग की दशा में डिक्री के निष्पादन में कुर्की या विक्रय के दायित्व से छूट होगी।
इस धारा का उद्देश्य कृषकों की सहायता करना है ताकि वे अपने खेती के कार्य को निष्पादन के होते हुए भी चला सकें। धारा के अधीन कृषि-उपज को अंशतः छूट दी गई है। ऐसा तभी किया जा सकता है जब राज्य सरकार राजपत्र में प्रकाशित साधारण या विशेष आदेश द्वारा यह घोषणा करें कि कृषि उपज का वह भाग जो कृषक के लिए अगली फसल तक खेती करने के लिए तथा निर्णीत-ऋणी और उसके कुटुम्ब के निर्वाह के लिए आवश्यक है। कृषि उपज के जिस अंश को छूट दी गई है वह न तो कुर्क की जा सकती है और न ही डिक्री के निष्पादन में बेची जा सकती है।
निवास गृह में सम्पत्ति का अभिग्रहण (धारा 62)-
(1) कोई भी व्यक्ति इस संहिता के अधीन जंगम सम्पत्ति का अभिग्रहण निर्दिष्ट या प्राधिकृत करने वाली किसी आदेशिका का निष्पादन करते हुए किसी निवास गृह में सूर्यास्त के पश्चात् और सूर्योदय के पूर्व प्रवेश नहीं करेगा।
(2) निवास-गृह का कोई भी बाहरी द्वार तब तक तोड़कर नहीं खोला जायेगा जब तक कि ऐसा निवास-गृह निर्णीत-ऋणी के अधिभोग में न हो और वह उस तक पहुंच होने देने से मना न करता हो या पहुंच होने देना किसी भांति निवारित न करता हो, किन्तु जब कि ऐसी किसी आदेशिका का निष्पादन करने वाले व्यक्ति ने किसी निवासगृह में सम्यक रूप से प्रवेश कर लिया है, तब वह किसी ऐसे कमरे का द्वार तोड़ सकेगा जिसके बारे में उसे यह विश्वास करने का कारण है कि उसमें कोई ऐसी सम्पत्ति है।
(३) जहां निवास-गृह का कमरा किसी ऐसी स्त्री के वास्तविक अधिभोग में है जो देश की रूढ़ियों के अनुसार लोगों के सामने नहीं आती है वहां आदेशिका का निष्पादन करने वाला व्यक्ति ऐसी स्त्री को यह सूचना कि वह वहां से हट जाने के लिए स्वतंत्र है और हट जाने के लिए युक्तिसमय अनुज्ञात करने और हट जाने के लिये उसे युक्तियुक्त सुविधा देने के पश्चात् और साथ ही उस सम्पत्ति को छिपा कर हटाये जाने का निवारण करने के लिए ऐसी हर एक पूर्वावधानी बरत करके, जो इन उपबन्धों से संगत है, वह सम्पत्ति के अभिग्रहण के प्रयोजन से ऐसे कमरे में प्रवेश कर सकेगा।
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