जहाँ गिरफ्तार किया जाने वाला व्यक्ति या कुर्क की जाने वाली सम्पत्ति जिले से बाहर है, वहाँ सिविल प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत क्या प्रक्रिया अपनाई जायेगी-(धारा- 136)
जहाँ गिरफ्तार किया जाने वाला व्यक्ति या कुर्क की जाने वाली सम्पत्ति जिले से बाहर है, वहाँ सिविल प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत क्या प्रक्रिया अपनाई जायेगी-(धारा- 136)
सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 136 में जहाँ गिरफ्तार किया जाने वाला व्यक्ति या कुर्क की जाने वाली सम्पत्ति जिले से बाहर है वहां प्रक्रिया के बारे में प्रावधान किया गया है।
धारा 136 के अनुसार, (1) जहाँ यह आवेदन किया जाता है कि इस संहिता के किसी ऐसे उपबन्धों के अधीन, जो डिक्रियों के निष्पादन से सम्बन्धित नहीं है कोई व्यक्ति गिरफ्तार किया जाये या कोई सम्पत्ति कुर्क की जाये और जिस न्यायालय से ऐसा आवेदन किया जाये, उसकी अधिकारिता की स्थानीय सीमाओं से बाहर ऐसा व्यक्ति निवास करता है या ऐसी सम्पत्ति स्थित है वहाँ न्यायालय स्वविवेकानुसार गिरफ्तारी का वारंट निकाल सकेगा या कुर्की का आदेश कर सकेगा और जिले के उस न्यायालय को, जिसकी अधिकारिता की स्थानीय सीमाओं के भीतर ऐसा व्यक्ति निवास करता है या ऐसी सम्पत्ति स्थित है वारण्ट या आदेश की एक प्रति गिरफ्तारी या कुर्की के खर्चों की अधिसम्भाव्य रकम के सहित भेज सकेगा।
(2) जिला न्यायालय ऐसी प्रति और रकम की प्राप्ति पर अपने अधिकारियों द्वारा या अपने अधीनस्थ न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी या कुर्की करवाएगा, और जिस न्यायालय ने गिरफ्तारी या कुर्की का ऐसा वारण्ट निकाला था या आदेश किया था, उसको इत्तिला भेजेगा।
(3) इस धारा के अधीन गिरफ्तारी करने वाला न्यायालय गिरफ्तार किये गये व्यक्ति को उस न्यायालय को भेजेगा, जिसने गिरफ्तारी का वारण्ट निकाला था किन्तु यदि गिरफ्तार किया गया व्यक्ति पूर्वकथित न्यायालय को समाधान प्रदान करने वाला हेतुक इस बात के लिये दर्शित कर दे कि उसे पश्चात् कथित न्यायालय को क्यों न भेजी जाय अथवा पश्चात् कथित न्यायालय के समक्ष अपनी उपसंजाति के लिये या ऐसी किसी डिक्री की तुष्टि के लिये, जो उस न्यायालय द्वारा उसके विरुद्ध पारित की जाये, पर्याप्त प्रतिभूति दे दे तो इन दोनों दशाओं में से हर एक में वह न्यायालय, जिसने गिरफ्तारी की है, उसे छोड़ देगा।
(4) जहाँ इस धारा के अधीन गिरफ्तार किया जाने वाला व्यक्ति या कुर्क की जाने वाली जंगम सम्पत्ति बंगाल के फोटो विलियम या मद्रास के या मुम्बई के उच्च न्यायालय की मूल आरम्भिक सिविल अधिकारिता की स्थानीय सीमाओं के भीतर है, वहां गिरफ्तारी के वारण्ट की या कुकीं के आदेश की प्रति और गिरफ्तारी या कुर्की के खर्चों की अधिसम्भाव्य रकम, यथास्थिति, कलकत्ता, मद्रास या मुम्बई के लघुवाद न्यायालय को भेजी जायेगी और वह न्यायालय उस प्रति और उस रकम के प्राप्त होने पर ऐसे अग्रसर होगा मानों वह जिला न्यायालय हो।
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