सहायक लोक अभियोजक -दण्ड प्रक्रिया संहिता- 1973

 

सहायक लोक अभियोजक -

दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 25 सहायक लोक अभियोजक की नियुक्ति के संबंध में आवश्यक उपबंध करती है।

धारा 25 के अनुसार, राज्य सरकार प्रत्येक जिले में मजिस्ट्रेट के न्यायालयों के लिए सहायक लोक अभियोजक की नियुक्ति कर सकेगी। उपधारा (3) के अनुसार जब किसी मामले के संचालन के लिए सहायक लोक अभियोजक उपलब्ध न हो, तो उस दशा में जिला मजिस्ट्रेट किसी अन्य व्यक्ति को किसी मामले के भारसाधक लोक अभियोजक के रूप में नियुक्त कर सकती है किन्तु इस तरह की नियुक्ति केवल एकल मामले के लिए ही होगी न कि साधारण नियुक्ति।

शंकर राम बनाम मुहम्मद मुस्तफा 1987 (1) क्रा. (मद्रास) के वाद में यह अभिनिर्धारित किया गया कि किसी भी परिस्थिति में आपराधिक कार्यवाही के अधीन सहायक लोक अभियोजक अभियुक्त को उपस्थित नहीं कर सकेंगे।

दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 25 के अधीन सहायक लोक अभियोजकों की नियुक्ति का आदेश एक प्रशासकीय आदेश होता है तथा यह एक न्यायिक कल्प (Quasi-Judicial) आदेश नहीं होता है। कथित आदेश वैध है अथवा नहीं, इस बात का परीक्षण उच्च न्यायालय अनुच्छेद 226 के अधीन दायर याचिका के आधार पर कर सकता है।

यद्यपि इस धारा में सहायक लोक अभियोजकों की नियुक्ति के लिए किसी अर्हता का उल्लेख नहीं है परन्तु यह स्पष्ट किया गया है कि कोई भी पुलिस अधिकारी जिसका पद निरीक्षक के पद से निम्न श्रेणी का है या जिसने अपराध के अन्वेषण में भाग लिया है, उस मामले में सहायक लोक अभियोजक नियुक्त नहीं किया जा सकेगा।

सहायक लोक अभियोजक के कार्य- 

सहायक लोक अभियोजक का मुख्य कार्य राज्य और केन्द्रीय सरकार यथास्थिति की ओर से अभियोजनों का संचालन करते हुए अभियुक्त के विरुद्ध अभियोजन सिद्ध करना है। पुलिस द्वारा अपराध की विवेचना तथा अन्वेषण पूरा कर लिया जाने के पश्चात् लोक अभियोजक अपराधी के विरुद्ध आरोप-पत्र तैयार करके उसे (आरोप-पत्र) को मजिस्ट्रेट को प्रेषित करता है।

दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 301 के अनुसार, किसी भी मामले का भारसाधक लोक अभियोजक या सहायक लोक अभियोजक किसी न्यायालय में जिसमें कि उस मामले की जांच, विचारण या अपील विचाराधीन है, बिना किसी लिखित प्राधिकार के हाजिर हो सकता है तथा अभिवचन कर सकता है। यदि कोई प्राइवेट व्यक्ति किसी मामले में अपनी ओर से प्लीडर नियुक्त करता है, तो ऐसा प्लीडर लोक अभियोजक या सहायक लोक अभियोजक के निर्देशाधीन कार्य करेगा।



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