गिरफ्तार व्यक्ति की चिकित्सा अधिकारी द्वारा परीक्षा एवं गिरफ्तार व्यक्ति की शिनाख्त से संबंधित प्रावधान (दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 )दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 54 एवं 54 'क' इस संबंध में आवश्यक उपबंध करते हैं।
धारा-54 के अनुसार, (1) जब कोई व्यक्ति गिरफ्तार किया जाता है तब तुरन्त केन्द्रीय या राज्य सरकार के अधीन चिकित्सा अधिकारी और जहाँ चिकित्सा अधिकारी उपलब्ध नहीं है वहाँ रजिस्ट्रीकृत चिकित्सा व्यवसायी द्वारा परीक्षा की जाएगी।
परन्तु
जहाँ गिरफ्तार व्यक्ति महिला है, वहाँ उसके शरीर की परीक्षा केवल महिला चिकित्सा अधिकारी और जहाँ महिला चिकित्सा अधिकारी उपलब्ध नहीं है वहाँ रजिस्ट्रीकृत महिला चिकित्सा व्यवसायी द्वारा की जाएगी।
(2) गिरफ्तार व्यक्ति की परीक्षा करने वाला रजिस्ट्रीकृत चिकित्सा व्यवसायी ऐसी परीक्षा का अभिलेख तैयार करेगा और उसमें किन्हीं क्षतियों या हिंसा के चिन्हों तथा अनुमानिक समय का जब ऐसी क्षति या चिन्ह पहुंचाये गये थे, वर्णन करेगा।
(3) जहाँ उपधारा (1) के अधीन परीक्षा की जाती है वहाँ ऐसी परीक्षा की रिपोर्ट की एक प्रति चिकित्सा अधिकारी या रजिस्ट्रीकृत चिकित्सा व्यवसायी द्वारा गिरफ्तार किए गए व्यक्ति या ऐसे गिरफ्तार किए गए व्यक्ति द्वारा नामनिर्दिष्ट व्यक्ति को दी जाएगी। (संशोधन 2008)
डी.जे. वागला बनाम कांतिभाई जेठाभाई 1985 क्रि. लॉ. ज. के वाद में कहा गया कि धारा 54 गिरफ्तार व्यक्ति को महत्वपूर्ण अधिकार प्रदान करती है। अपनी चिकित्सा परीक्षा कराना गिरफ्तार व्यक्ति का अधिकार होता है। यदि गिरफ्तार व्यक्ति पुलिस अभिरक्षा के दौरान शारीरिक यन्त्रणा या दुर्व्यवहार की शिकायत मजिस्ट्रेट से करता है तो मजिस्ट्रेट का कर्तव्य होता है कि वह गिरफ्तार व्यक्ति को यह सूचित करे कि उसे अपनी चिकित्सा परीक्षा कराने का अधिकार है।
ए. के. सहदेव बनाम रमेश नेनजी साह 1998 क्रि. लॉ. ज (Bom) के वाद में कहा गया कि जहाँ अभिरक्षा में हिंसा के एक मामले में यह अभिकथित था कि एन्फोर्समेन्ट डाइरेक्टरेट के पदाधिकारियों ने परिवादी पर हमला किया था, मजिस्ट्रेट को चाहिए था कि वह परिवादी की चिकित्सीय जाँच के लिए निर्दिष्ट कर देता। उसे भा. दं. सं. की धारा 323/34 के अधीन तुरंत संज्ञान करने के लिए अग्रसर नहीं हो जाना चाहिए था।
धारा 54 'क' के अनुसार,
जहाँ कोई व्यक्ति अपराध करने के आरोप पर गिरफ्तार किया जाता है और अन्य व्यक्तियों द्वारा उसकी शिनाख्त ऐसे अपराध के अन्वेषण के लिए आवश्यक समझी जाती है तो वह न्यायालय, पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी के निवेदन पर, गिरफ्तार व्यक्ति को अन्य व्यक्तियों से शिनाख्त कराने का आदेश दे सकेगा। (संशोधन 2005 - अंतःस्थापित)
यादि गिरफ्तार किये गाये व्यक्ति की शिनाख्त करने वाला व्यक्ति मानसिक या शारीरिक रूप से निःशक्त है, तो शिनाख्त करने की ऐसी प्रक्रिया न्यायिक मजिस्ट्रेट के अधीन होगी जो यह सुनिश्चित करेगा कि उस व्यक्ति द्वारा गिरफ्तार किये गये व्यक्ति की शिनाख्त की जाये, जो उस व्यक्ति के लिये सुविधापूर्ण हो।
गिरफ्तार किये गये व्यक्ति की शिनाख्त करने वाला व्यक्ति मानसिक या शारीरिक रूप से निःशक्त है, तो शिनाख्त किये जाने की प्रक्रिया की वीडियो फिल्म तैयार की जायेगी। (संशोधन 2013)
महावीर बनाम स्टेट ऑफ दिल्ली ए.आई. आर. 2008 एस. सी. के वाद में अधिनिधीरित किया कि शिनाख्त कार्यवाही न किए जाने से न्यायालय में पहचान का साक्ष्य अग्राह्य नहीं हो जाएगा।
प्रश्न-
गिरफ्तार व्यक्ति की चिकित्सा अधिकारी द्वारा परीक्षा एवं गिरफ्तार व्यक्ति की शिनाख्त से संबंधित प्रावधान दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 में क्या प्रावधान है? स्पष्ट कीजिए।
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