शब्द वारण्ट (Warrant) से आप क्या समझते हैं? यह कितने प्रकार के होते हैं? वैध वारण्ट की अनिवार्यताओं का उल्लेख कीजिए।
शब्द वारण्ट (Warrant) से आप क्या समझते हैं? यह कितने प्रकार के होते हैं? वैध वारण्ट की अनिवार्यताओं का उल्लेख कीजिए।
वारण्ट (Warrant)-
कतिपय अपवादों को छोड़कर यह एक सामान्य नियम है कि किसी भी व्यक्ति को वारण्ट के बिना गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। अतः जब कोई किसी व्यक्ति को वारण्ट पर गिरफ्तार करता है तो उसके पास उस व्यक्ति को गिरफ्तार करने का वारण्ट होना चाहिए।
वारण्ट से अभिप्राय-
गिरफ्तारी का वारण्ट एक ऐसा आदेश है जो किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए न्यायालय द्वारा जारी किया जाता है। वारण्ट जारी करते समय न्यायालय बड़ी सावधानी बरतता है, क्योंकि गिरफ्तारी का वारण्ट किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वतन्त्रता को समाप्त अथवा प्रतिबन्धित करता है।
वारण्ट के प्रकार-
गिरफ्तारी के वारण्ट दो प्रकार के होते हैं-
(1) जमानतीय वारण्ट (Bailable Warrant) एवं
(2) अजमानतीय वारण्ट (Non-bailable Warrant)
जमानतीय वारण्ट -
जमानतीय वारण्ट के अन्तर्गत किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने का निरपेक्ष रूप से आदेश नहीं होता। ऐसा वारण्ट जारी करने वाला न्यायालय अपने विवेकानुसार उस वारंट पर पृष्ठांकन द्वारा यह निदेश दे सकता है कि यदि गिरफ्तार किया जाने वाला व्यक्ति निश्चित तिथि एवं समय पर न्यायालय में उपस्थित होने के लिए तैयार है और इसके लिए वह प्रतिभू सहित बन्धपत्र निष्पादित कर देता है तो उस व्यक्ति को बन्धपत्र लेकर अभिरक्षा से मुक्त किया जा सकेगा। इस प्रकार जमानतीय वारण्ट एक विकल्प देता है कि गिरफ्तार किया जाने वाला व्यक्ति प्रतिभू सहित बन्धपत्र निष्पादित कर गिरफ्तारी से मुक्त हो सकता है।
वारण्ट में प्रतिभू सहित बन्धपत्र के पृष्ठांकन में निम्नलिखित बातों का उल्लेख किया जाना आवश्यक है-
(1) प्रतिभुओं की संख्या,
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