छत्तीसगढ़ भाड़ा नियंत्रण अधिनियम, 2011
छत्तीसगढ़ भाड़ा नियंत्रण अधिनियम, 2011
धारा 1 संक्षिप्त नाम, विस्तार तथा प्रारंभ (1) यह अधिनियम छत्तीसगढ़ भाड़ा नियंत्रणा अधिनियम, 2011 कहलाएगा।
(2) इसका विस्तार प्रथमतः ऐसे नगरपालिका क्षेत्रों में होगा जो राज्य में जिला मुख्यालय के रूप में समाविष्ट हैं, तदुपरांत ऐसे नगरपालिक क्षेत्रों या राज्य के भीतर किसी अन्य क्षेत्रों में होगा जिन्हें राज्य शासन, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा समय-समय पर विनिर्दिष्ट करे।
(3) यह राजपत्र में इसके प्रकाशन की तारीख से प्रवृत्त होगा।
Q.-1 छत्तीसगढ़ भाड़ा नियंत्रण अधिनियम, 2011 का विस्तार किन क्षेत्रों में होगा-
(A) ऐसे नगरपालिका क्षेत्रों में होगा जो राज्य में जिला मुख्यालय के रूप में समाविष्ट होगा।
(B) ऐसे नगरपालिक क्षेत्रों या राज्य के भीतर किसी अन्य क्षेत्रों में होगा ।
(C) जिन्हें राज्य शासन, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा समय-समय पर विनिर्दिष्ट करे।
(D) उपरोक्त सभी
उत्तर- (D)
धारा 3 छूट - इस अधिनियम की कोई भी बात निम्न पर लागू नहीं होगी :-
(1) शासन के किसी विभाग का तथा या शासन द्वारा प्रायोजित तथा या स्वामित्व के किसी मंडल तथा यी निगम से संबंधित या उसके स्वामित्व का कोई वास स्थानः
(2) शासन द्वारा लोकहित में अधिसूचना द्वारा विशेष रूप से छूट प्रदान किए गए कोई अन्य भवन तथा या भवन भवनों की श्रेणी।
Q. 2 छत्तीसगढ़ भाड़ा नियंत्रण अधिनियम, 2011 की कोई भी बात निम्न पर लागू नहीं होगी -
(A) शासन के किसी विभाग का या शासन द्वारा प्रायोजित
(B) स्वामित्व के किसी मंडल या निगम से संबंधित या उसके स्वामित्व का कोई वास स्थान
(C) शासन द्वारा लोकहित में अधिसूचना द्वारा विशेष रूप से छूट प्रदान किए गए कोई अन्य भवन तथा या भवन भवनों की श्रेणी।
(D) उपरोक्त सभी
उत्तर-(D)
धारा 5 भाड़ा सहमति के अनुसार होगा (1) किसी भी वास सुविधा के लिये देय भाड़ा, इस अधिनियम के अन्य प्रावधानों के अध्यधीन रहते हुए, ऐसा होगा जैसा कि भवन स्वामी और किरायेदार के बीच तय किया जाये, तथा इसमें सुविधाएं जो पृथक तौर पर तय की जाएं, के लिए देय प्रभार शामिल नहीं होगा, तथा तद्नुसार देय होगा।
(2) जब तक कि अन्यथा सहमति न हो तब तक प्रत्येक किरायेदार, भाड़े (किराये) का भुगतान ठीक आगामी माह जिस माह के लिए भाड़ा देय हो, के पंद्रहवें दिन तक करेगा।
Q. 3 छत्तीसगढ़ भाड़ा नियंत्रण अधिनियम, 2011 की धारा 5 के अंतर्गत जब तक कि अन्यथा सहमति न हो तब तक प्रत्येक किरायेदार, भाड़े (किराये) का भुगतान ठीक आगामी माह जिस माह के लिए भाड़ा देय हो, के कितने दिन तक करेगा-
(A) पंद्रहवें दिन (B) बारहवें दिन
(C) बीसवें दिन (D ) पांचवें दिन
उत्तर- (A)
धारा 6 भाड़ा नियंत्रण अधिकरण का गठन - (1) इस अधिनियम के प्रभावशील होने के 30 दिनों के भीतर इस अधिनियम के प्रावधानों को प्रभावी बनाने तथा भाड़े (किराये) से संबंधित विवादों, शिकायतों एवं अपराधों के न्यायनिर्णयन तथा विचारण हेतु तथा अभिधृति मुद्दे जिसमें भवन स्वामी तथा किरायेदारों के अधिकार, स्वत्व एवं दायित्व भी सम्मिलित हैं, के विनियमन एवं नियंत्रण हेतु राज्य शासन अधिसूचना द्वारा संविधान के अनुच्छेद 323-ख के अनुसार एक अधिकरण गठित करेगा, जो छत्तीसगढ़ भाड़ा नियंत्रण अधिकरण कहलायेगा।
स्पष्टीकरण. - सम्पति के अन्तरण तथा/या किसी सम्पत्ति पर स्वामित्व के विवादों से संबंधित विषयों पर, विधि न्यायालयों द्वारा सुसंगत विधियों के अन्तर्गत विचार किया जाता रहेगा।
(2) राज्य शासन उच्च न्यायालय के परामर्श से, उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश अथवा अधिसमय वेतनमान की श्रेणी से अनिम्न के सेवारत या सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश को, भाड़ा नियंत्रण अधिकरण का अध्यक्ष नियुक्त करेगा।
(3) अधिकरण में ऐसे सदस्य होंगे जिनकी अर्हता ऐसी होगी जैसा कि राज्य शासन विहित करे।
(4) राज्य शासन, ऐसे अधिकारी को अधिकरण का रजिस्ट्रार नियुक्त करेगा जो व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-एक के प्रवर्ग अथवा राज्य शासन में उप सचिव की श्रेणी से निम्न का नहीं होगा।
(5) अधिकरण के क्रियाशील होने की तिथि से, जो तिथि राज्य के राजपत्र में प्रकाशित की जायेगी, संविधान के अनुच्छेद 136 के अंतर्गत उच्चतम न्यायालय । तथा अनुच्छेद 226 एवं 227 के अंतर्गत उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र के अलावा, समस्त न्यायालयों का कार्यक्षेत्र, प्रत्येक ऐसे विषयों के संबंध में जो अधिकरण के अधिकार क्षेत्र के भीतर आता हो, अपवर्जित माना जायेगा :
परन्तु तथापि कि अधिकरण की स्थापना के तत्काल पूर्व, किसी भी न्यायालय या प्राधिकारी के समक्ष लंबित समस्त प्रकरणों में, समय-समय पर यथासंशोधित पुराने अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही जारी रहेगी।
(6) अधिकरण का मुख्यालय रायपुर में होगा तथा राज्य शासन, अधिकरण द्वारा मामलों की सुनवाई के लिए, अधिसूचना द्वारा, ऐसे अन्य स्थान नियत कर सकेगा, जैसा कि उचित समझे।
(7) अधिकरण के अध्यक्ष एवं सदस्यों की निबंधन एवं सेवा की शर्तें ऐसी होंगी. जैसा कि राज्य शासन द्वारा विहित किया जाये।
(C) रायपुर (D) भिलाई
उत्तर- ( C)
धारा 13 अपील (1) इस अधिनियम में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, भवन स्वामी तथा/या किरायेदार जो भाड़ा नियंत्रक के किसी आदेश से व्यथित हो, को विहित रीति में, विहित समयावधि के भीतर, भाड़ा नियंत्रक अधिकरण को अपील करने का अधिकार होगा।
(2) भाड़ा नियंत्रण अधिकरण के आदेश के विरुद्ध अपील, उच्चतम न्यायालय में प्रस्तुत की जायेगी।
Q. 5 छत्तीसगढ़ भाड़ा नियंत्रण अधिकरण के आदेश के विरूद्ध अपील किस न्यायालय में प्रस्तुत की जायेगी-
(A) उच्च न्यायालय (B) उच्चतम न्यायालय
(C) सत्र न्यायालय (D) जिला न्यायालय
उत्तर- (A)
https://youtube.com/@advocateseemakushwahaallah9863?si=bdrtPEzUDVlbnOK6S
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